बेहद गरीबी के मारे बच्चे
दक्षिण एशिया बोले तो भारत, पाकिस्तान और बांग्ला देश में करीब 13.7 करोड़ यानी 35.7 प्रतिशत बच्चे बेहद गरीबी के मारे हैं. दुनिया भर में बच्चों का यह आंकड़ा 38.5 करोड़ है. और चौंकिए मत इनमें 11.5 करोड़ से अधिक यानी 30.3 प्रतिशत बच्चे तो अपने भारत के के ही हैं. तीन दिन पहले यानी 3 अक्तूबर को विश्व बैंक ग्रुप और यूनिसेफ ने न्यूयॉर्क में जारी अपनी ताजा रिपोर्ट End Extreme Poverty and Boost Shared Prosperity में यह कहा है.
http://blogs.worldbank.org/opendata/chart-half-worlds-extremely-poor-are-children
ये आंकड़े 2013 से संबंधित हैं और आकलन 18 साल से कम उम्र के बच्चों का है. बेहद गरीबी के आकलन में उन लोगों को शामिल किया गया है जिन पर प्रति व्यक्ति दैनिक खर्च 1.9 डॉलर आता है. इस लिहाज से दुनिया में 18 साल से अधिक उम्र के वयस्कों में बेहद गरीबों की संख्या 33.7 करोड़ है. यानी दुनिया में कुल मिलाकर 62 करोड़ से अधिक आबादी बेहद गरीबों में आती है.
बेहद गरीबी के मारे सबसे ज्यादा बच्चे अफ्रीका में सहारा रेगिस्तान के नीचे बसने वाले देशों के हैं. वहां 51.7 प्रतिशत यानी आधे से ज्यादा बच्चे बेहद गरीबी में जिंदगी बसर करते हैं. लैटिन अमेरिकी तथा कैरेबियाई देशों में यह प्रतिशत 4.4, चीन में 1.8 और यूरोप तथा मध्य एशिया में 0.4 प्रतिशत है. क्षेत्र के लिहाज से दुनिया में 18.6 प्रतिशत ऐसे बच्चे शहरी और 81.4 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों के हैं.




0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home