जगजीत सिंह
पांच साल हो गए जब लोगों के दिलों पर छाप छोड़ रही एक जादुई आवाज सदा के लिए खामोश हो गई थी. उस दिन जैसे ही मैंने यह खबर
सुनी कि ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह चल बसे हैं तो मुझे लगा था
जैसे मेरा अपना कुछ खो गया हो. कुछ समय पहले ही तो मैंने उन्हें सुनना शुरू किया
था.
ज्यादातर लोगों में ग़ज़ल के प्रति
दिलचस्पी उनकी वजह से ही बढ़ी. अपनी 40 साल की गायकी में करीब 150 एलबम बनाने वाले
जगजीत सिंह ने अनेक ग़ज़लों को अपने सुरों से सजाया. इनमें 'तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है', ‘होश वालों को खबर क्या’, 'कल
चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा’, ‘वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी' जैसी
मशहूर ग़ज़लें शामिल हैं.
ग़ज़ल के चाहने वालों में बिरला ही कोई होगा जिसने जगजीत को नहीं सुना होगा. उनकी मखमली आवाज आज भी
दिलों को छू लेती है. उनकी पांचवीं पुण्यतिथि पर सुरों के इस सम्राट को विनम्र
श्रद्धांजलि.


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