जैव विविधता को बचाए रखना बहुत जरूरी
संयुक्त राष्ट्र संघ ने जैव विविधता (Biodiversity) को लेकर समझ बढ़ाने और इसके बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 22 मई को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस घोषित किया है. यह बहुत ही अच्छी बात है.
दरअसल, जैव विविधता हमारी धरती के जीवन यापन का ताना-बाना है. यह मनुष्य की सुख-सुविधा का आधार है और आगे भी रहेगा. इस आधार के तेजी से हो रहे क्षय का जितना खतरा प्रकृति को है, उतना ही मनुष्यों को भी है. प्रकृति और पारिस्थितिकी तंत्र में सभी जीव, पौधे, वनस्पति आदि महत्वपूर्ण हैं और इनके संरक्षण में सबकी अपनी-अपनी भूमिका है. दुनिया भर में जैव विविधता नष्ट होते जाने की बड़ी वजह जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों का दोहन, प्रदूषण और शहरीकरण भी है.
और इसकी मूल रूप से जिम्मेदारी दुनिया भर की बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों और उनके पैसे के बलबूते पर बनी सरकारों की है. जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र को लेकर यूनेस्को की 2019 में जारी वैश्विक मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार, हमारी धरती का 75 प्रतिशत पारिस्थितिकी तंत्र नष्ट हो गया है.
इसलिए यह समझना जरूरी है कि वक्त तेजी से बीत रहा है. धरती का बुद्धिमान प्राणी होने के नाते मनुष्य की जिम्मेदारी है कि सभी जीवों और वनस्पतियों के अस्तित्व को बनाए रखने में अपना योगदान दे. आइए, हम सभी इस बात को जल्दी से जल्दी समझें. ऐसा न हो कि आगे हमें सोचने का वक्त ही न मिले.

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