Thursday, August 28, 2014

नेताओं के नाम पर उनके अनुयायियों को उनकी औलाद करार देना ठीक नहीं

कल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं की ओऱ से किए गए आंदोलन और उस पर पुलिस के बर्बर लाठीचार्ज के संदर्भ में लखनऊ में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी का यह कहना कि हम गांधी की नहीं..शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर जैसे क्रांतिकारियों की संतान हैं, बहुत अज़ीब है. नेताओं के नाम पर उनके अनुयायियों को उनकी औलाद करार देना ठीक नहीं है. वैसे तो भाजपाई और मूलतः संघी न तो गांधी के और न ही भगत सिंह-चंद्रशेखर के अनुयायी हैं, वे दरअसल सावरकर और गोलवलकर के अनुयायी हैं, लेकिन मुझे याद है कि कोई 35 साल पहले जब मेरे एक साथी ने अपने एक संघी दोस्त को सावरकर और गोलवलकर की औलादें कहकर संबोधित किया था तो उसे बहुत चिढ़ हुई थी और उसने जोरदार विरोध किया था. लिहाजा लक्ष्मीकांत वाजपेयी का वरिष्ठ नेताओँ के साथ पिता का संबंध जोङना अनुचित है.

1 जुलाई 2014 

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