Wednesday, October 29, 2014

पेरिस को अनेक प्रकार के संग्रहालयों, प्रदर्शनियों, स्मारकों और कलावीथियों का शहर कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. यहां आज की तारीख में 70-80 ऐसी संस्थाएं हैं. इनमें ऑर्क द ट्रिम्फ, टॉवर्स डी नोटरे-डेम, प्लेस द ला डीकूवेर (डिस्कवरी प्लेस), म्यूजी नेशनल डी’आर्त माडेरन, म्यूजी डु सिनेमा, म्यूजी डी लूर, म्यूजी नेशनल दस चैट्यू डी वर्साइलज वगैरह शामिल हैं.

इनकी खास बात यह है कि एक ही टिकट लेकर इनमें घूमा जा सकता है. ये टिकट आॅनलाइन और पेरिस के दोनों एअरपोर्ट्स के अलावा शहर के कई  केंद्रों पर मिलते हैं. इनमें ऑर्क द ट्रिम्फ का जिक्र मैंने कल के पोस्ट में किया था, जिसे नेपोलियन प्रथम ने 1806 में निर्मित करवाने का आदेश दिया था. इसकी छत पर से दुनिया की बेहद खूबसूरत सडक़ शैंप एलिसिस  का अनूठा नजारा दिखता है.


ऑर्क द ट्रिम्फ से आधे घंटे में प्लेस द ला डीकूवेर पहुंचा जा सकता है. पेरिस के बीचोबीच स्थित यह विज्ञान संग्रहालय फिजिक्स के नोबल पुरस्कार विजेता ज्यां पेरिन ने स्थापित किया था. आज यहां ‍विज्ञान की कई विधाअों को लेकर स्थायी प्रदर्शनियां आयोजित होती हैं.   


नोटरे-डेम 12वीं सदी में निर्मित कैथोलिक चर्च है, जिसे 18वीं सदी की फ्रांसिसी क्रांति में खासा नुक्सान पहुंचा था. इसमें दक्ष‍िणी टाॅवर में रखे गए 10 बड़े-बड़े घंटे विभिन्न मौकों पर बजाए जाते हैं. सबसे बड़ा घंटा 13271 किलो का है. इसकी ऊपरी छत से लिया गया चित्र पेरिस का विहंगम दश्य प्रस्तुत करता है.


म्यूजी नेशनल दस चैट्यू डी वर्साइलज 1661 से 1789 तक फ्रांस के सम्राट लुई-14 से लेकर लुई-16 तक का इतिहास समेटे हुए है. यह उनका राजमहल हुआ करता था. इस संग्रहालय में देश के राजपरिवार के सदस्यों से संबंधित चीजों को प्रदर्शित किया गया है. इसमें घूमने वालों को निशुल्क आडियोगाइड दी जाती है. संग्रहालय के बाहर और अंदर हम दोनों को चित्र खिंचवाने के लिए एक फ्रेंच नौजवान से अनुरोध करना पड़ा.  


सेइन नदी के पूर्वी तट पर खड़ा म्यूजी डी लूर इतिहास से संबंधित दुनिया के सबसे बड़े संग्रहालयों में से एक है. लगभग 60 एकड़ में बनी इसकी इमारत में प्रागैतिहासिक काल से लेकर आज तक की कोई 35000 वस्तुएं रखी गई हैं. 12वीं सदी के एक फ़्रांसिसी सम्राट ने इसका मूलतः किले के रूप में निर्माण कराया था. सत्रहवीं सदी में जब लुई -16 ने अपना महल 
वर्साइलज पैलेस को बनाया तो यहां राजपरिवार के संग्रह प्रदर्शित किए जाने लगे. 18वीं सदी के एंट में इसे बाकायदा संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया. अब दुनिया की बहुत सी जगहों की कलाकृतियां यहां प्रदर्शित की गई हैं, जिनमें  लियानार्डो द विंची की की विश्वप्रसिद्ध पेटिंग मोनालिसा भी शामिल है.















0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home